सारे तर्क वितर्कों से परे
औपचारिकताओं से ऊपर उठ कर
मेरे ऊटपटांग बातों का अर्थ
और उन अर्थों का सन्दर्भ
कौन समझता ?
अगर न होते
"कुछ 'दोस्त ', कुछ 'वफादार ' साथी जिन्होंने निभाया साथ छप्पर फाड़ के"
औपचारिकताओं से ऊपर उठ कर
मेरे ऊटपटांग बातों का अर्थ
और उन अर्थों का सन्दर्भ
कौन समझता ?
अगर न होते
"कुछ 'दोस्त ', कुछ 'वफादार ' साथी जिन्होंने निभाया साथ छप्पर फाड़ के"